
"बाजार में गिरावट पर घबराने की बजाय क्या करें?"
शेयर बाजार में गिरावट कोई नई बात नहीं है, लेकिन जब इंडेक्स लगातार नीचे जाता है, तो निवेशकों के मन में डर और घबराहट आना स्वाभाविक है। कई लोग जल्दबाजी में अपने स्टॉक्स बेचकर नुकसान कर बैठते हैं, जबकि अनुभवी निवेशक इस मौके को बेहतर निवेश अवसर के रूप में देखते हैं। इस लेख में हम चर्चा करेंगे कि जब बाजार में गिरावट हो, तो आपको किन रणनीतियों को अपनाना चाहिए।
1. घबराहट में स्टॉक्स न बेचें – शांत रहें!
✔ बाजार गिरने पर सबसे बड़ी गलती होती है घबराहट में स्टॉक्स बेचना।
✔ बाजार चक्रों (Market Cycles) का हिस्सा है – गिरावट के बाद तेजी आना तय होता है।
✔ लॉन्ग-टर्म निवेशकों को धैर्य रखना चाहिए, क्योंकि अच्छी कंपनियाँ समय के साथ रिकवर करती हैं।
2. बाजार की गिरावट के कारणों को समझें
हर गिरावट के पीछे कोई न कोई कारण होता है, जैसे कि:
✔ ग्लोबल इवेंट्स – युद्ध, मंदी, ब्याज दरों में बढ़ोतरी, या वैश्विक आर्थिक संकट।
✔ घरेलू फैक्टर्स – सरकारी नीतियाँ, बजट, महंगाई, और रुपये की कमजोरी।
✔ बड़े निवेशकों की बिकवाली (FIIs Sell-off) – जब विदेशी निवेशक (FIIs) पैसा निकालते हैं, तो बाजार गिरता है।
क्या करें?
✔ गिरावट के पीछे के कारणों को समझें।
✔ अगर यह सिस्टमेटिक रिस्क (जैसे मंदी या युद्ध) है, तो धैर्य रखें और निवेश जारी रखें।
✔ अगर यह किसी विशेष सेक्टर या कंपनी से जुड़ा है, तो फंडामेंटल्स को देखें और जरूरत पड़े तो पोर्टफोलियो में बदलाव करें।
3. सही मौके की पहचान करें – Quality Stocks खरीदें
✔ गिरावट के दौरान ब्लू-चिप और मजबूत कंपनियों के स्टॉक्स सस्ते हो जाते हैं।
✔ रिलायंस, TCS, Infosys, HDFC Bank जैसी कंपनियाँ हर गिरावट के बाद रिकवर होती हैं।
✔ Index Funds और ETFs लॉन्ग-टर्म के लिए बेहतर विकल्प हो सकते हैं।
क्या करें?
✔ मजबूत कंपनियों के स्टॉक्स पर नजर रखें और जब वे उचित वैल्यूएशन पर मिलें, तो खरीदें।
✔ SIP जारी रखें – गिरावट के दौरान कम कीमतों पर अधिक यूनिट्स मिलती हैं, जिससे लागत कम होती है।
4. निवेश डायवर्सिफाई करें (Diversification Strategy)
✔ सिर्फ एक सेक्टर या कुछ कंपनियों में निवेश करने की बजाय डाइवर्सिफिकेशन पर ध्यान दें।
✔ गोल्ड, बॉन्ड्स, म्यूचुअल फंड्स, और FD जैसे अन्य एसेट्स में भी निवेश करें।
✔ मल्टी-एसेट पोर्टफोलियो बाजार की गिरावट में जोखिम को कम करता है।
5. इमरजेंसी फंड तैयार रखें
✔ गिरावट के दौरान आपको अपनी जरूरतों के लिए स्टॉक्स बेचने की जरूरत न पड़े, इसके लिए 6-12 महीने का इमरजेंसी फंड रखें।
✔ इस फंड को FD, लिक्विड फंड्स, या सेविंग अकाउंट में रखें ताकि ज़रूरत पड़ने पर तुरंत उपयोग किया जा सके।
6. भावनाओं से प्रभावित होकर निवेश के फैसले न लें
✔ डर और लालच निवेशकों के सबसे बड़े दुश्मन हैं।
✔ अगर बाजार 10% गिरता है, तो कई लोग घबरा जाते हैं, और अगर 10% बढ़ता है, तो लोग बिना सोचे-समझे निवेश करने लगते हैं।
✔ निवेश से पहले फंडामेंटल और टेक्निकल एनालिसिस करें, न कि सिर्फ इमोशंस के आधार पर फैसले लें।
7. अनुभवी निवेशकों और विशेषज्ञों की राय लें
✔ बाजार की गिरावट में वॉरेन बफेट जैसे अनुभवी निवेशकों की रणनीतियों को समझें।
✔ “Be Fearful When Others Are Greedy, and Greedy When Others Are Fearful” – यानी जब बाजार गिर रहा हो, तब सही अवसर खोजें।
✔ बाजार विशेषज्ञों, फंड मैनेजर्स और रिसर्च रिपोर्ट्स को फॉलो करें।
8. शॉर्ट-टर्म नुकसान से डरें नहीं – लॉन्ग-टर्म फोकस बनाए रखें
✔ अगर आप 5-10 साल के लिए निवेश कर रहे हैं, तो छोटी गिरावटें आपके लिए चिंता का विषय नहीं होनी चाहिए।
✔ बाजार समय के साथ बढ़ता है – उदाहरण के लिए:
- 2008 की मंदी के दौरान सेंसेक्स 8,000 तक गिरा था, लेकिन आज यह 70,000+ के स्तर पर है।
- 2020 के कोविड क्रैश में निफ्टी 7,500 तक गिरा, लेकिन फिर से रिकॉर्ड हाई पर पहुँच गया।
क्या करें?
✔ बाजार को समय दें – Short-term Volatility से डरने की बजाय, Long-term Growth पर फोकस करें।
✔ अपने निवेश की समय-समय पर समीक्षा करें, लेकिन बार-बार पोर्टफोलियो न बदलें।
✅ घबराहट में स्टॉक्स न बेचें – बाजार गिरता है तो वापस भी चढ़ता है।
✅ अच्छे स्टॉक्स की पहचान करें – गिरावट में मजबूत कंपनियाँ सस्ते दामों में मिलती हैं।
✅ SIP और लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टमेंट जारी रखें – गिरावट के दौरान SIP सबसे ज्यादा फायदेमंद होती है।
✅ इमरजेंसी फंड तैयार रखें – ताकि आपको जरूरत पड़ने पर निवेश न बेचना पड़े।
✅ भावनाओं को कंट्रोल करें – डर और लालच से बचें, डेटा और रिसर्च पर ध्यान दें।