शेयर बाजार के प्रमुख सेगमेंट (Main Segments of Stock Market)

शेयर बाजार के प्रमुख सेगमेंट (Main Segments of Stock Market)

शेयर बाजार (Stock Market) को समझने के लिए उसके प्रमुख सेगमेंट को जानना बहुत जरूरी है। यह विभिन्न प्रकार के निवेशकों को अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर ट्रेडिंग और निवेश के अवसर प्रदान करता है।

आइए विस्तार से समझते हैं कि शेयर बाजार के मुख्य सेगमेंट कौन-कौन से हैं और वे कैसे काम करते हैं।

1. प्राइमरी मार्केट (Primary Market)

प्राइमरी मार्केट वह स्थान है जहां कंपनियां पहली बार अपने शेयर निवेशकों को जारी करती हैं। इसे IPO (Initial Public Offering) के माध्यम से जाना जाता है।

प्राइमरी मार्केट की विशेषताएँ:

  • इसमें कंपनियां पहली बार अपने शेयर सार्वजनिक रूप से जारी करती हैं।
  • इसमें निवेशक सीधे कंपनी से शेयर खरीदते हैं।
  • शेयर बाजार में लिस्टिंग के बाद ये शेयर सेकेंडरी मार्केट में ट्रेड होते हैं।

IPO (Initial Public Offering) क्या होता है?

जब कोई कंपनी पहली बार शेयर बाजार में अपने शेयरों को बेचने के लिए लाती है, तो उसे IPO कहा जाता है। IPO के माध्यम से कंपनी सार्वजनिक (Public) बन जाती है और निवेशकों को अपने शेयर खरीदने का मौका देती है।

2. सेकेंडरी मार्केट (Secondary Market)

सेकेंडरी मार्केट वह स्थान है जहां पहले से जारी किए गए शेयरों की खरीद-बिक्री होती है। यहां निवेशक कंपनियों से सीधे शेयर नहीं खरीदते, बल्कि दूसरे निवेशकों से खरीदते और बेचते हैं।

सेकेंडरी मार्केट की विशेषताएँ:

  • इसमें शेयरों की ट्रेडिंग स्टॉक एक्सचेंज पर होती है।
  • निवेशक शेयरों को बाजार में उपलब्ध कीमतों पर खरीद और बेच सकते हैं।
  • इसमें ट्रेडिंग दो मुख्य एक्सचेंजों पर होती है:
    1. NSE (National Stock Exchange) – निफ्टी 50 (NIFTY 50)
    2. BSE (Bombay Stock Exchange) – सेंसेक्स (Sensex)

3. डेरिवेटिव मार्केट (Derivatives Market)

डेरिवेटिव मार्केट वह स्थान है जहां शेयरों, कमोडिटी, करेंसी आदि पर आधारित अनुबंधों (Contracts) की ट्रेडिंग होती है।

डेरिवेटिव्स का मूल्य किसी अन्य एसेट (Underlying Asset) पर आधारित होता है। यह मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं:

(A) फ्यूचर्स (Futures)

  • यह एक एग्रीमेंट होता है जिसमें कोई निवेशक भविष्य में एक निश्चित तिथि पर किसी स्टॉक को एक तय कीमत पर खरीदने या बेचने के लिए सहमत होता है।
  • इसमें कोई व्यक्ति कम कीमत पर खरीदकर ऊँची कीमत पर बेचकर मुनाफा कमा सकता है।

(B) ऑप्शंस (Options)

  • ऑप्शंस निवेशक को यह अधिकार (लेकिन बाध्यता नहीं) देता है कि वह एक निश्चित तिथि पर किसी स्टॉक को खरीदे या बेचे।
  • इसमें कॉल ऑप्शन (Call Option) और पुट ऑप्शन (Put Option) दो प्रकार होते हैं।

डेरिवेटिव मार्केट के फायदे:

  • इसमें कम पूंजी लगाकर ज्यादा मुनाफा कमाने की संभावना होती है।
  • इसमें हेजिंग (Hedging) का उपयोग करके जोखिम को कम किया जा सकता है।
  • इसमें स्पेक्युलेटर्स (Speculators) और ट्रेडर्स को अधिक अवसर मिलते हैं।

4. कमोडिटी मार्केट (Commodity Market)

कमोडिटी मार्केट वह स्थान है जहां सोना, चांदी, तेल, गैस, कृषि उत्पाद (गेहूं, चावल, कॉफी आदि) जैसी चीजों की खरीद-बिक्री होती है।

कमोडिटी मार्केट के प्रमुख एक्सचेंज:

  • MCX (Multi Commodity Exchange)
  • NCDEX (National Commodity & Derivatives Exchange)

कमोडिटी मार्केट के फायदे:

  • इसमें निवेशक अपनी पूंजी को डायवर्सिफाई कर सकते हैं।
  • इसमें ग्लोबल मार्केट के आधार पर निवेश किया जा सकता है।
  • महंगाई और अन्य आर्थिक परिस्थितियों से सुरक्षा मिलती है।

5. करेंसी मार्केट (Currency Market)

करेंसी मार्केट (विदेशी मुद्रा बाजार) वह स्थान है जहां विभिन्न देशों की मुद्राओं (Currencies) की ट्रेडिंग होती है। इसे Forex Market (Foreign Exchange Market) भी कहा जाता है।

करेंसी मार्केट में कौनसी मुद्राओं की ट्रेडिंग होती है?

  • USD/INR (अमेरिकी डॉलर और भारतीय रुपया)
  • EUR/INR (यूरो और भारतीय रुपया)
  • GBP/INR (ब्रिटिश पाउंड और भारतीय रुपया)
  • JPY/INR (जापानी येन और भारतीय रुपया)

करेंसी मार्केट के फायदे:

  • इसमें 24 घंटे ट्रेडिंग की सुविधा होती है।
  • इसमें बड़ी पूंजी की आवश्यकता नहीं होती।
  • यह इंटरनेशनल ट्रेड के लिए बहुत जरूरी होता है।

6. म्यूचुअल फंड मार्केट (Mutual Fund Market)

म्यूचुअल फंड मार्केट वह स्थान है जहां निवेशक अपने पैसे को प्रोफेशनल फंड मैनेजर्स के जरिए स्टॉक्स, बॉन्ड्स और अन्य एसेट्स में निवेश करते हैं।

म्यूचुअल फंड के प्रकार:

  1. इक्विटी म्यूचुअल फंड (Equity Mutual Funds) – शेयरों में निवेश
  2. डेट म्यूचुअल फंड (Debt Mutual Funds) – बॉन्ड और सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश
  3. हाइब्रिड फंड्स (Hybrid Funds) – शेयरों और बॉन्ड्स दोनों में निवेश
  4. इंडेक्स फंड्स (Index Funds) – निफ्टी और सेंसेक्स को फॉलो करने वाले फंड

म्यूचुअल फंड मार्केट के फायदे:

  • इसमें रिस्क डायवर्सिफिकेशन होता है।
  • इसमें पेशेवर फंड मैनेजर निवेश का प्रबंधन करते हैं।
  • यह छोटे निवेशकों के लिए एक बेहतरीन विकल्प है।

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